पं. गणेश प्रसाद मिश्र (दद्दाजी) की धर्मपत्नी श्रीमती शांति मिश्रा ने दद्दाजी का समाज के प्रति सेवा-भाव, कर्म-प्रधानता एवं ‘नर-सेवा ही नारायण-सेवा है’ जैसे विचारों को जीवंत रखने हेतु “पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा-न्यास” गठन करने की प्रेरणा प्रदान की। अतः उनके मार्गदर्शन में पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास को मूर्त रूप प्रदान किया गया। इसका विधिवत गठन मध्य प्रदेश के गजट में प्रकाशित हुआ। सतना (म.प्र) में पंजीयन क्रमांक 24 दिनांक 07 मार्च, 2017 जारी किया गया।
डॉ. राकेश मिश्र अध्यक्ष एवं श्रीमती आशा रावत इस न्यास की सचिव नियुक्त की गईं।
‘पं० गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास’ का मुख्य उद्देश्य ‘नर सेवा ही नारायण सेवा है’ को सार्थक बनाना है। यह सेवा न्यास लोगों की सभी प्रकार की सामाजिक, आर्थिक, भौतिक व धार्मिक सेवाओं के लिए समर्पित है।
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः । सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत् ॥ शांति: शांति: शांति: !!!
शांति प्रवाह
“नर सेवा–नारायण सेवा”
पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास के प्रयत्नों द्वारा नर सेवा-नारायण सेवा को चरितार्थ करते हुए “सेवा, संस्कृति उत्थान और सहयोग की डगर पर छह साल का सफर”
सुखद अनुभूति हो रही है कि पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास ने अपनी स्थापना के छह साल की अल्प अवधि में ही समाज के हर वर्ग और क्षेत्र के लिए वह
कर दिखाया है, जिसकी कल्पना सामान्यतया नहीं की जा सकती है। समाज की सेवा हो या संस्कृति का संरक्षण, समृद्ध और सशक्त समाज के निर्माण में सहयोग हो या बुन्देलखंड की बुलंद विरासत को बचाने की बात, सामूहिक पाणिग्रहण संस्कार हो या सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार, पर्यावरण की रक्षा हो या स्वच्छता अभियान, स्वस्थ समाज का निर्माण हो या प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने का अवसर देना। हर दृष्टि से सेवा परमो धर्म:, नर सेवा नारायण सेवा को चरितार्थ करते हुए न्यास ने मानवता की सेवा के लिए एक ऐसी लकीर खींच दी है, जो नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है। सर्वे भवन्तु सुखिनः को साकार करने के उद्देश्य के साथ नित्य प्रतिदिन सेवा न्यास ने मानवता की जो सेवा की है, उससे महज एक क्षेत्र विशेष नहीं, बल्कि राष्ट्रीय क्षितिज पर अपनी पहचान बना ली है।
“सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया:” सेवा न्यास गरीब बस्तियों के क्षेत्रों में जाकर स्वास्थ्य शिविरों द्वारा उन्नत तकनीकी की हरसंभव मदद प्रदान करने का काम कर रहा है।
भारत के हृदय भाग में अवस्थित बुंदेलखंड क्षेत्र में विराट व्यक्तित्व और महान कर्मयोगी पं.गणेश प्रसाद मिश्र जी की स्मृतियों को संजोने, उनके सेवाभावी संदेश से समाज को सशक्त बनाने के लिए तथा दया, करुणा और ममता की प्रतिमूर्ति माता शांति मिश्रा जी की प्रेरणा से सात वर्ष पूर्व (2017) में पं. गणेश प्रसाद मिश्र (दद्दाजी) के नाम पर स्थापित पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास, विकास की बुनियादी संरचनाओं से लेकर मानवीय जीवन की आधारभूत सुविधाओं तक, अध्यात्म से आत्मनिर्भरता तक, सेवा से सरकार तक यानि हर क्षेत्र में जो निरंतर कार्य किये हैं, वह स्वयं में एक प्रेरणा का स्रोत है। सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रथम पीढ़ी के कार्यकर्ता रहे पं. मिश्र का यह जन्म शताब्दी वर्ष है। यह वर्ष न्यास के लिए उपलब्धियों से भरा रहा। संपर्क, संवाद, सेवा, समाधान कार्यक्रम चलाकर 856 गांवों में जाकर मैंने समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से संपर्क किया, उनसे संवाद करते हुए उनकी समस्याओं के समाधान का प्रयास किया। इन गांवों में माता अन्नपूर्णा एवं भगवान धन्वन्तरि का चित्र लोगों को हस्तगत कराया। न्यास की ओर से भीमकुंड में सभा मंडपम का निर्माण कराया गया, जिसका लोकार्पण भी किया गया। इस साल 17 स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया, जिससे स्वस्थ्य समाज के निर्माण के लिए किये गये कार्यों से संतुष्टि मिली। किसानों की समृद्धि के लिए दस हजार किसानों को सब्जी का प्रमाणिक बीज उपलब्ध कराया गया। इसी तरह प्रतिभा सम्मान समारोह, मैराथन का आयोजन, माघ मेला, स्वच्छता अभियान एवं वृक्षारोपण का कार्यक्रम चलाया गया जो न्यास और इस क्षेत्र के लिए उपलब्धियों से भरा रहा। न्यास के सेवा कार्यों को संकलित कर प्रतिवर्ष की भांति इस साल भी सप्तम पुष्प प्रकाशित करते हुए सुखद अनुभूति हो रही है। दद्दा जी जैसे विराट व्यक्तित्व स्वयं के लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए ही जन्म लेते हैं। समाज और राष्ट्र के लिए उनमें जो सेवा और समर्पण का भाव था, उससे वे महान साधक के रूप में सदैव स्मरणीय रहेंगे और चिरस्मरणीय बनाने हेतु सेवा न्यास कार्य कर रहा है।
न्यास के प्रेरणास्रोत पं. गणेश प्रसाद मिश्र की जन्म शताब्दी पर कई विशेष कार्यक्रमों का आयोजन सतना एवं मैहर जिले में किया गया। उनके जन्म शताब्दी वर्ष में ‘संपर्क-संवाद-सेवा-समाधान’ कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों से संपर्क किया तथा उनसे संवाद करते हुए उनकी समस्याओं को भी समझकर और उसके समाधान का प्रयास किया। इस दौरान लोगों से मिले स्नेह ने भाव विभोर किया।
इस बात के लिए भी सुखद अनुभूति हो रही है कि पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास ने अपनी स्थापना के सात साल की अल्प अवधि में ही समाज के हर वर्ग और क्षेत्र के लिए वह कर दिखाया है, जिसकी कल्पना सामान्यतया नहीं की जा सकती है। समाज की सेवा हो या संस्कृति का संरक्षण, समृद्ध और सशक्त समाज के निर्माण में सहयोग हो या बुन्देलखंड की बुलंद विरासत को बचाने की बात, सामूहिक पाणिग्रहण संस्कार हो या सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार, पर्यावरण की रक्षा हो या स्वच्छता अभियान, स्वस्थ समाज का निर्माण हो या प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने का अवसर देना। हर दृष्टि से “सेवा परमो धर्म:” और “नर सेवा नारायण सेवा” को चरितार्थ करते हुए न्यास ने मानवता की सेवा के लिए एक ऐसी लकीर खींच दी है, जो नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है। सर्वे भवन्तु सुखिनः को साकार करने के उद्देश्य के साथ नित्य प्रतिदिन सेवा न्यास ने मानवता की जो सेवा की है, उससे महज एक क्षेत्र विशेष नहीं, बल्कि राष्ट्रीय क्षितिज पर हमने अपनी पहचान बना ली है।
देश के विविध शहरों में कार्यक्रमों का आयोजन कर समाजसेवा, सांस्कृति संवर्धन एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में न्यास के इस एक वर्ष के कार्यों का लेखा जोखा के साथ हमें न्यास द्वारा प्रकाशित सप्तम पुष्प को प्रकाशित करते हुए प्रसन्नता हो रही है। मानवता की सेवा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग, प्रतिभाओं का प्रोत्साहन, बौद्धिक संवर्धन एवं संस्कृति के संरक्षण के लिए किए गए कार्यों का संकलन इसमें प्रस्तुत किया जा रहा है।
“सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया:” स्वस्थ्य समाज का निर्माण के लिए न्यास निरंतर सक्रिय रहा है। न्यास की ओर से अब तक 41 स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन सतना एवं मैहर जिले के विभिन्न स्थानों पर किया जा चुका है, जिसमें गरीब लोगों को मुफ्त उपचार, दवाइयाँ, ऑपरेशन व आवागमन की सुविधा भी प्रदान की जाती रही है। आयोजित स्वास्थ्य शिविरों में मध्यप्रदेश एवं उत्तर प्रदेश के हजारों मरीजों की विभिन्न बीमारियों की हज़ारों रूपये में होने वाली जांचें पूर्णत: नि:शुल्क की गईं। इस साल सतना एवं मैहर जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में नेत्र एवं कान के लिए 14 विशेष शिविरों का आयोजन किया गया। इससे ग्रामीण क्षेत्र में असमर्थ लोगों को नेत्र का उपचार किया गया तथा कान की मशीन दी गई तो लोग विह्वल हो गए।
“अपना सपना-हरा भरा सतना” : न्यास ने पर्यावरण संरक्षण के लिए “अपना सपना, हरा भरा सतना” का अभियान चलाया, जिसके तहत सतना एवं मैहर जिले में कार्यक्रम आयोजित कर पौधरोपण करते हुए धरती पर हरियाली ला दी है। इसके तहत विभिन्न गांवों में वृक्षारोपण किया गया। लगाये गये पौधों की देखरेख एवं सुरक्षा के लिए नियमित ग्रीन एम्बुलेंस का संचालन किया जाता है। लोगों को न्यास की ओर से विशेष अवसरों पर वृक्षारोपण करने के लिए प्रेरित भी किया जाता है। वृक्षारोपण हेतु हजारों की संख्या में फलदार पौधे विभिन्न अवसरों पर वितरित किए गए। “पॉलीथीन मुक्त भारत” अभियान के तहत न्यास की ओर से अब तक दो लाख से अधिक कपड़े के थैले वितरित किए गए हैं और यह अभियान निरंतर जारी है। प्लास्टिक का चूरा बनाने वाली मशीन सेवा न्यास ने धवर्रा गांव के स्वसहायता समूह को दान में दी है।
“उन्नत खेती, समृद्ध किसान:” सेवा न्यास कृषकों की आर्थिक उन्नति, उन्नत वैज्ञानिक तकनीक, पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण, पशुपालन, मत्स्य पालन, बागवानी, सरकारी योजनाओं की जानकारी एवं उनके लाभ हेतु राज्य सरकारों से पहल करके विभिन्न प्रकार के विभागों की प्रदर्शनी का आयोजन और संचालन में सहयोग प्रदान करता रहा है। आत्मनिर्भर गाँव बने इस दिशा में दस हजार किसानों को सब्जियों के बीच वितरित किए गए। गांव एवं हर खेत तक बिजली पहुंचाकर न्यास ने इस क्षेत्र की तस्वीर बदलने में महती भूमिका निभाई है।
“प्रतिभाओं को प्रोत्साहन:” सेवा न्यास सांस्कृतिक क्षेत्र में ग्रामीण एवं शहरी विद्यालयों में पुस्तकें, कॉपी, पेन, छाता, घड़ी, पेंसिल, ड्रेस, बस्ते, ट्रॉफी, क्रीड़ा उपकरण कलेंडर के वितरण के साथ-साथ लोगों में राष्ट्रप्रेम, स्वदेशी एवं समरसता का भाव भी जाग्रत करता है। मेधावी एवं विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिभावान विद्यार्थियों को प्रोत्साहनस्वरूप नकद पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र भी प्रदान करता है। सतना एवं मैहर जिले में स्कूल बैग एवं घड़ियों का वितरण जरूरतमंद छात्रों के बीच निरंतर किया जा रहा है। अब तक 5563 छात्रों के बीच पाठ्य सामग्री का वितरण किया गया है।
“पेयजल:” स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की दृष्टि से कैट कंपनी द्वारा अभी तक सौ शासकीय विद्यालयों में छात्रों एवं शिक्षकों को बिना बिजली के चलने वाले पोर्टेबल आर.ओ. दिए जा चुके हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक हैं। विद्यालयों में 500 लीटर की दो सौ टंकियों के वितरण व फिटिंग करके न्यास ने बालिकाओं के पेयजल एवं शौचालय हेतु पानी उपलब्ध कराया है।
“सामूहिक विवाह:” न्यास की ओर से सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन “द्वारे-द्वारे परिणय यज्ञ” कार्यक्रम के माध्यम से किया गया था। इसमें अब तक 88 जोड़ियों का विवाह धूम-धाम से आयोजित कार्यक्रम में किये जा चुके हैं। इसके अलावा व्यक्तिगत रूप से भी निर्धन लोगों की पुत्री के विवाह में आर्थिक मदद दी गई है। इस तरह अब तक 624 लोगों को आर्थिक मदद दी गई है।
“धर्मो रक्षति रक्षित:” न्यास की ओर से धर्म नगरी प्रयागराज में माघ महात्म्य कथा एवं श्री राम कथा का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है। इसमें विभिन्न प्रकार के धार्मिक आयोजन, संगीतमय भागवत-रामायण कथा, श्री लक्ष्मीनारायण यज्ञ, रामलीला मंचन, भजन-कीर्तन, सत्संग, पूजा-पाठ, गौ-सेवा, भोजन, भंडारों के साथ-साथ धार्मिक पुस्तक वितरण जैसे कार्यों को करते हुए सनातन धर्म के उत्थान, सत्कर्म हेतु प्रेरित कर संस्कृति एवं सभ्यता का प्रचार-प्रसार करता है। प्रयागराज में माघ मेले में प्रतिवर्ष अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें धार्मिक चेतना जगाई जाती है। बुंदेलखंड एवं विन्ध्य क्षेत्र के पांच सौ महिला/ पुरुष प्रतिवर्ष माघ माह में संगम तट पर कल्पवास करते हैं।
“सामूहिक उपनयन संस्कार:” पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास धर्म व सांस्कृतिक जागरण के लिए कार्य करता है। सेवा न्यास का उद्देश्य भूले हुए संस्कारों को पुनः स्थापित करने के लिए कार्य चल रहा है। इसी कड़ी में सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार का आयोजन किया जाता रहा है। अब तक 125 बटुकों का यज्ञोपवीत कराया गया है। इसके अलावा व्यक्तिगत रूप से निर्धन लोगों के पुत्र के उपनयन में आर्थिक मदद दी गई है। इस तरह अब तक 237 लोगों को आर्थिक मदद दी गई है।
“संस्कृत भाषा की उन्नति के लिए कार्य:” न्यास की ओर से संस्कृत भाषा के विकास के लिए निरंतर कार्य किए जाते रहते हैं। संस्कृत पाठशाला भीमकुंड में वैदिक पाठ का आयोजन किया जाता है। संस्कृत के मेधावी छात्रों को प्रोत्साहन स्वरूप दस हजार रुपये की नगद राशि से सम्मानित किया जाता है। अब तक 564 मेधावी छात्रों को प्रोत्साहन किया गया है।
“ग्रीन एम्बुलेंस का संचालन:” “अपना सपना – हरा भरा सतना” पेड़ों के वृक्षारोपण एवं संरक्षण हेतु एक सर्वसुविधा युक्त एंबुलेंस तैयार की गई है। न्यास की और से लगाए गए पौधों की सुरक्षा के लिए ग्रीन एम्बुलेंस का संचालन सतना में किया जाता है। इसके माध्यम से लोगों को जागरूक करते हुए पौधों की देखभाल की जाती है। न्यास की ओर से इस साल 3700 पेड़ लगाये गये हैं। अब तक 15000 पेड़ों का नि:शुल्क वितरण किया है।
“स्वच्छता अभियान:” न्यास की ओर से सतना एवं मैहर जिले में व्यापक पैमाने पर स्वच्छता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाता है। सुरक्षित मासिक धर्म के लिए महिलाओं के बीच सेनेटरी पैड का वितरण किया जाता है। सतना जिले का यह अभियान अत्यंत लोक प्रिय हो गया है। अब तक 10,000 सेनेटरी पैड का वितरण किया गया।
“श्री रामलीला का भव्य आयोजन:” न्यास के सहयोग से शारदीय नवरात्रि पर ओरछा में दस दिनों तक श्री रामलीला का भव्य आयोजन गया। वर्ष 2022 में ऋषिकेश एवं कुरुक्षेत्र में रामलीला का आयोजन किया गया, जिसका प्रसारण अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर भी किया गया है। इसे लगभग 60 लाख लोगों ने देखा।
“मैराथनों का आयोजन:” न्यास की ओर से खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए बुन्देलखंड मैराथन एवं सतना हाफ मैराथन का चार बार आयोजन किया गया। इसमें देश के लगभग सभी राज्यों के 11,432 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। यह आयोजन काफी उपयोगी और लोक प्रिय रहा। मैराथन देखने जहां लाखों लोगों की भीड़ उमड़ी रही वहीं विभिन्न समाचार चैनलों की ओर से सीधा प्रसारण किया गया। जिसे देश ही नहीं दुनिया के लोगों ने भी देखा।
“वैचारिक गोष्ठियां:” समाज के बौद्धिक विकास के हेतु समसामयिक विषयों पर सेवा न्यास विभिन्न प्रकार की विचार गोष्ठियाँ भी आयोजित करता है। हर वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर व्याख्यान माला का आयोजन किया, जिसमें विशेष विषयों पर हुई इन परिचर्चाओं में राष्ट्रीय वक्ताओं ने अपना व्याख्यान दिया।
इस वर्ष पहली अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक न्यास की ओर से किये गये सेवा कार्यों एवं अन्य गतिविधियों का संकलन सप्तम पुष्प के रूप में आपके सम्मुख प्रस्तुत है। शुभकामनाओं सहित।
(डॉ. राकेश मिश्र)
प्रयागराज/सतना/छतरपुर ! जगतगुरु राघवाचार्य जी ने 15 वाँ स्वास्थ्य शिविर का उद्घाटन करते हुये कहा कि माघ मेला में इस प्रकार के सेवा कार्यों के लिये न्यास की प्रशंसा करते हुये कहा कि “लोचनाभ्यां विहीनस्य दर्पण: किं करिष्यिति” अर्थात् आंखों में रोशनी देना व सुनने की मशीन से श्रवण शक्ति देना। यह परम पुण्य का कार्य है। पं. गणेश प्रसाद मिश्र ‘दद्दा जी’ के सुपुत्र डॉ. राकेश मिश्र और उनकी बहिनें आशा, मालती, रेखा, रचना व पुत्रवधू प्रमिला एवं पौत्र संकल्प इस कार्य को बखूबी कर रहे हैं।
हमारा प्रबंधन
न्यास का गठन पं. गणेश प्रसाद मिश्र (दद्दाजी ) की धर्मपत्ली श्रीमती शांति मिश्रा ने दद्दाजी का समाज के प्रति सेवा भाव,कर्म प्रधानता एवं “नर सेवा ही नारायण सेवा है” जैसे विचारों को जीवंत रखने हेतु किया गया। डॉ. राकेश मिश्र अध्यक्ष एवं श्रीमती आशा रावत इस न्यास की सचिव नियुक्त की गईं।
एम. ए. (राजनीत विज्ञानं एवं शिक्षा )
बी.एड. , पी.एच.डी.
एम.ए., बी.टी.सी.
सेवा निवृत शिक्षिका
बी.ए., बी.टी.सी.
सेवा निवृत शिक्षिका
एम.ए. , बी.एड.
शिक्षिका
“सेवा, संस्कृति उत्थान और सहयोग की डगर पर छह साल का सफर”
सतना 3 सितंबर। पं. गणेश प्रसाद मिश्र जन्मशताब्दी पर सतना हाफ मैराथन के शुभारंभ अवसर पर प्रातः 6:00 बजे खेल…
पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास द्वारा दो दिवसीय निःशुल्क चौबीसवॉ मल्टी स्पेशलिटी हेल्थ चेक अप कैंप सरस्वती उच्चतर माध्यमिक…
‘शिक्षा सबल और सशक्त कर सकती है’
पं. गणेश प्रसाद मिश्र उपाख्य दद्दाजी का समाज के लिये सबसे प्रमुख संदेश है।
पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास का निरंतर प्रयास रहता है कि वह क्षेत्र में शिक्षा ले रहे विद्यार्थियों को आवश्यक सुविधाएं, सकारात्मक वातावरण के साथ-साथ विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करें। उनमें सकारात्मक ऊर्जा पैदा की जाये, जिससे कि वे भविष्य में एक समर्थ, सशक्त और समृद्ध भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभा सकें। इसके लिए न्यास निरंतर छात्रों के बीच में प्रतिस्पर्धात्मक प्रतियोगिता, उनके स्वास्थ्य का चेकअप, सम्मान पत्र और शिक्षा से संबंधित आवश्यक सामग्री को उपलब्ध कराते हुए संकल्प भाव से सामाजिक संस्थाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ निरंतर कार्यरत है। हम सभी अच्छी पढ़ाई-लिखाई करेंगे, तो विकास का रास्ता सुगम हो जाएगा। हमारे क्षेत्र के पिछड़ेपन का मूल कारण अशिक्षा ही है। सरकारें कोशिशें करती हैं, परन्तु इसके लिए हमको और हमारे परिवार को भी प्रयास करना पड़ेगा। तभी हम मुकाम को हासिल कर पाएँगे। हमें आगे बढ़ना है, तो पढ़ना पड़ेगा। हम पढ़े-लिखे होंगे, तभी अपने समाज और देश को ऊँचाई तक ले जा सकेंगे।
न्यास के संबंध में महानुभावों के विचार
आज मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि महाराजपुर विधानसभा में स्वर्गीय श्री गणेश प्रसाद मिश्र जी के नाम पर एक माध्यमिक विद्यालय का उन्नयन करके हाई स्कूल बनाने जा रहा हूँ। यह विद्यालय पं. गणेश प्रसाद मिश्र स्मृति हाई स्कूल मानपुरा तत्काल प्रभाव से शिक्षण कार्य प्रारम्भ कर देगा। दद्दाजी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रारंभिक काल के सक्रिय स्वयंसेवक एवं प्रचारक रहे हैं। उनका पूरा जीवन समाज को विशेषकर गरीबों को, वंचितों को, मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराने में भूमिका रही है। संघ के इस कार्य को वर्तमान में उनके पुत्र डॉ. राकेश मिश्र ने इस पुनीत कार्य को पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास के माध्यम से कर रहे हैं। सेवा कार्यों के लिए न्यास के कार्यकर्ता अभिनंदनीय हैं।
पिता केवल एक रिश्ता मात्र नहीं हैं, बल्कि संतान की ताकत है पिता, उसकी हिम्मत है पिता। जब आप टूट जाते हैं, बिखर जाते हैं, तो पिता आप का सम्बल बनकर आप के साथ होता है। एक पिता की वैचारिकता ही पुत्र के कर्म का आधार बनती है-
“तुझमें-मुझमें कोई फर्क नहीं, जब तू है तो मैं कैसा”।
ऐसे ही एक पिता पं.गणेश प्रसाद मिश्र (दद्दाजी) जी को, मैं नमन करता हूं और उनके पुत्र डॉ.राकेश मिश्र जी, जो अपने माता-पिता से मिले संस्कार की ऊर्जा से पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास के माध्यम में लगातार सामाजिक कार्य कर रहे है, की मुक्त कंठ से प्रशंसा करता हूं और उनके स्वार्थ रहित प्रयास हेतु उनको भी नमन करता हूं।
नमस्कार, मैं हूं अनुराधा पौडवाल। फिटनेस का डोज आधा घंटा रोज के सूत्र वाक्य को मूर्त रूप देने के उद्देश्य से संचालित भारत सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम फिट इंडिया के अंतर्गत पंडित गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित सतना हाफ मैराथन 2022 निश्चित रूप से फिट इंडिया कार्यक्रम को गति प्रदान करते हुए विंध्य क्षेत्र की पहचान को संपूर्ण देश में स्थापित करेगी।
श्रेष्ठ भारत, समर्थ भारत। आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास द्वारा सपना में सतना में हॉफ मैराथन 2021 का आयोजन किया जा रहा है। मैं तो इतना ही कहूंगा कि हमारे देश में जो प्रतिभाएँ हैं, खेल जगत की जो प्रतिभाएं हैं, वो कमाल की हैं। उनको सही समर्थन देना, सही हेल्प देना, सही जरूरत की चीजें देना।
नमस्कार, पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर आयोजित बुंदेलखंड मैराथन 2021 निश्चित रूप से भारत सरकार के फिट इंडिया कार्यक्रम और बुंदेलखंड के पहचान को पूरे देश में स्थापित करेंगे। मैं आशा करता हूं, ये मैराथन बुंदेलखंड के खिलाड़ियों, युवाओं और आम जनता को फिटनेस का डोस आधा घंटा रोज के मूल्य वाक्य के प्रति प्रेरित करेगी। इस आयोजन की सफलता के लिए मेरी तरफ से आप सभी को शुभकामनाएं।
हमारे बीच आदरणीय डॉ. राकेश मिश्रा जी हैं। पं. पंडित गणेश मिश्र सेवा न्यास में मुझे मौका मिला उनके पास जाने का, धवर्रा गांव में पहुंचने का। मैंने अपनी आंखों से देखा वो भाव मातृ-पितृ का सेवा। एक बड़ा आदमी जब होता है, तो वो हमें कुछ सिखाता है। वो आगे चलता है, हम उसको देखते हैं कि ये कौन है? क्या है ? वो हमारे लिए एक मिसाल होता है, कोई भी व्यक्ति, कोई बड़ा हो तो, वो तो हमारे लिए मिसाल होता ही है। उसके कार्यों पर आंख होती है, वह क्या-क्या करता है ? वो किस प्रकार का व्यक्ति है ? बाहर से कैसा है और अन्दर से कैसा है ? तो मुझे मौका मिला कि उनके पास बैठने का, आज आपके बीच में आए हुए हैं, तो मैं चाहता हूं आप आशीर्वाद दीजिए।
आदर्श व्यक्ति का मार्ग ही सुपंथ है। धर्म का अर्थ मात्र पूजा-पाठ करना नहीं होता है, अपितु दूसरों का कल्याण और सेवा से जुड़ा होता है। इस संसार में जो भी व्यक्ति ऐसा जीवन जीता है या जीने का प्रयास करता है, वह आदर्श व्यक्ति कहलाता है। समाज उस व्यक्ति के नहीं होने पर भी उससे प्रेरणा लेता है। पं. गणेश प्रसाद मिश्र जी उसी परम्परा के बुंदेलखण्ड क्षेत्र के प्रथम प्रचारक हुये हैं जो सन् 1948 में पोस्टमास्टर जैसी शासकीय सेवा छोड़कर सम्पूर्ण जीवन संघ कार्य में लगा दिये। आज उनकी कर्तव्यपरायणता से युवा पीढ़ी को शिक्षा ग्रहण करना चाहिए।
पं.गणेश प्रसाद मिश्र जी
श्री दद्दाजी जी ने अयोध्या आंदोलन में, 1990 की कार सेवा में बढ़-चढ़कर भाग लिया। 1992 में विवादित ढाँचा विध्वंस में छतरपुर जिले के दो कार सेवकों में से वे एक थे, जो वहाँ पहुँच सके
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