पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास – के गठन का -संकल्प
पं. गणेश प्रसाद मिश्र (दद्दाजी) की धर्मपत्नी श्रीमती शांति मिश्रा ने दद्दाजी का समाज के प्रति सेवा भाव, कर्म प्रधानता एवं नर सेवा ही नारायण सेवा है, ‘ जैसे विचारों को जीवंत रखने हेतु पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास गठित करने की प्रेरणा प्रदान की। अतः उनके मार्गदर्शन में पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास को मूर्त रूप प्रदान किया गया। इसका विधिवत गठन मध्य प्रदेश के गजट में प्रकाशित होने के पश्चात इसका विधिवत पंजीयन क्रमांक 24, दिनांक 17 मार्च, 2017 को सतना (म.प्र.) में किया गया। आयकर की धारा 80जी में इसे दान प्राप्त करने की अनुमति वित्त मंत्रालय से प्राप्त हो चुकी है।
डॉ. राकेश मिश्र अध्यक्ष एवं श्रीमती आशा रावत इस न्यास को सचिव नियुक्त की गई।
पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास का मुख्य उद्देश्य ‘नर सेवा ही नारायण सेवा है’ को सार्थक बनाना है। यह सेवा न्यास लोगों को सभी प्रकार की सामाजिक, आर्थिक, भौतिक व धार्मिक सेवाओं के लिए समर्पित है।
सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे संतु निरामया।
सर्वे भद्राणि पश्यंतू मा कशिचद दु:ख भाग्भवेत ।।
ॐ शांति: शांति: शांति: ।।
प्राय: गरीब एवं सुदूर इलाके में स्थित लोगों के लिए गंभीर बीमारियों का इलाज करा पाना संभव नहीं होता, जिससे कई बार इसे असाध्य एवं परमात्मा का प्रकोप मान लिया जाता है और लोग कई तरह के अंधविश्वासों के चपेट में भी आ जाते हैं। अतः सेवा न्यास गरीब लोगों के क्षेत्रों में जाकर स्वास्थ्य शिविरों द्वारा उन्हें उन्नत तकनीकी की हर संभव मदद प्रदान करने का प्रयास कर रहा है। इसमें गरीब लोगों को मुफ्त उपचार, दवाइयां, ऑपरेशन व आवागमन की सुविधा भी प्रदान की जाती है। अनेक मरीजों को देश के प्रमुख अस्पतालों, जैसे – अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली, डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल, राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट, इबहास अस्पताल, पी.जी.आई. लखनऊ व चंडीगढ़, टाटा कैंसर इंस्टीट्यूट, मुंबई का यथासंभव सहयोग करता है। हमने डॉक्टरों की कुशल टीम से रियायती दरों पर बड़ी शल्य चिकित्सा कराई है। मेदांता दि मेडिसिटी, गुरुग्राम (हरियाणा) अभी तक तीन मल्टी स्पेशलिटी हेल्थ कैंपों का आयोजन करके 5608 मरीजों की संपूर्ण जांच कर चुका है। दो बार नौगांव नगर एवं इस वर्ष सतना नगर में यह तीसरा सफल आयोजन सितंबर माह में संपन्न हुआ है। न्यास के अनुरोध पत्र पर मेदांता अस्पताल, गुरुग्राम द्वारा 180 मरीजों को 15 प्रतिशत छूट दी गई है, जिससे मरीजों के लाखों रुपयों की बचत हो सकी एवं जानें भी बच सकी हैं।
सेवा न्यास ग्राम्य व्यास संबंधी, जैसे – पेयजल, विद्युतीकरण, स्वास्थ्य सेवाओं और सफाई आदि में भी विशेष सहयोग प्रदान करता है।
सेवा न्यास कृषकों की आर्थिक उन्नति, उन्नत वैज्ञानिक तकनीक, पर्यावरण संरक्षण वृक्षारोपण, पशुपालन, मत्स्य पालन, बागवानी, सरकारी योजनाओं की जानकारी एवं उनके लाभ हेतु सरकारों से पहल करके विभिन्न प्रकार के विभागों की प्रदर्शनी का आयोजन और संचालन हेतु सहयोग प्रदान करता है। इन दोनों अवसरों पर गांव में ही यह प्रदर्शनी लगाकर हजारों लोग लाभान्वित हुए।
सेवा न्यास सांस्कृतिक क्षेत्र में ग्रामीण एवं शहरी विद्यालयों में पुस्तकें, कॉपी, पेन, पेंसिल, ड्रेस, बस्ते, ट्रॉफी, क्रीड़ा उपकरण आदि के वितरण के साथ साथ लोगों में राष्ट्र प्रेम, स्वदेशी एवं समरसता का भाव भी जाग्रत करता है। मेधावी एवं विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिभावान विद्यार्थियों को प्रोत्साहन स्वरूप नकद पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र भी प्रदान करता है। धवर्रा ग्राम की महिलाएं स्वावलंबी बनें, इसलिए महिलाओं को सिलाई मशीन देकर रोजगारोन्मुखी बनाने की दिशा में कार्य प्रारंभ हुआ है। इसी प्रकार क्षेत्र के विद्यालयों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की दृष्टि से कैंट कंपनी द्वारा आर.ओ. प्रदान किये हैं। अभी तक सौ शासकीय विद्यालयों में छात्रों एवं शिक्षकों को यह पोर्टेबल बिना बिजली के चलने वाले आर. ओ. दिए जा चुके हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक हैं। समाज के विकास हेतु सेवा न्यास विभिन्न प्रकार की विचार गोष्ठियां भी आयोजित करता है। तीन विशेष विषयों पर राष्ट्रीय वक्ताओं के द्वारा छतरपुर शहर में व्याख्यान हो चुके हैं, जिसमें बुद्धिजीवी व नौजवानों की सक्रिय भूमिका रहती है।
सेवा न्यास आध्यात्मिक विकास हेतु धार्मिक क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के धार्मिक आयोजन, संगीतमय भागवत-रामायण कथा, श्री लक्ष्मीनारायण यज्ञ, रामलीला मंचन, भजन-कीर्तन, सत्संग, पूजा-पाठ, गौ-सेवा, भोजन, भंडारों के साथ-साथ धार्मिक पुस्तक वितरण जैसे कार्यों को करते हुए सनातन धर्म के उत्थान, सत्कर्म हेतु प्रेरित कर संस्कृति एवं सभ्यता का प्रचार-प्रसार करता है। इस वर्ष माघ मेले में उपनयन संस्कार कर नै संस्कार पद्धति जीवंत की है। इस वर्ष दीपावली पर्व पर भगवान धन्वंतरि की घर-घर पूजा हो, इसलिए पांच हज़ार कैलेंडर छापकर वितरित किये गए। आरोग्य के देवता भगवान् धन्वंतरि की पूजा से सभी निरोगी बनें, यही न्यास की भावना है।